श्रीमद्भागवत भक्ति,ज्ञान और अध्यात्म का सार प्रदान कर मानव जीवन को एक नई दिशा दिखाता है-महंत बिष्णु दास
हरिद्वार। बीसवें गुरु स्मृति महोत्सव की पावन बेला पर श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन की कथा का कथा व्यास आचार्य श्री रविशंकर जी महाराज नैमिषारण्य यू पी ने श्रद्वालुओं को श्री कृष्ण की लीलाओं का श्रवण कराते हुए कहा कि कलयुग में भागवत कथा का श्रवण निश्चित ही परलोक सुधार देता है। उन्होंने विभिन्न दुष्टांतों के जरिये श्रद्वालुओं को गाय ंगंगा की पूजा के लिए भी प्रेरित किया। श्री गुरु सेवक निवास उछाली आश्रम में जारी सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन उछाली आश्रम के परमाध्यक्ष श्री महंत विष्णु दास महाराज ने कथाव्यास का पूजन कर कथा प्रारम्भ कराया। उन्होनें बताया कि श्री सदगुरुदेव साकेतवासी श्री श्री 1008 श्री महंत परम श्रद्धेय नृसिंह दास महाराज ढोरियावाले जी ने हमेशा मानव सेवा प्राणिमात्र के कल्याण को आगे रखा,उन्ही के दिखाये मार्ग पर चलते हुए आश्रम में लगातार सेवा कार्य किये जा रहे है। उन्होने कहा कि कथा ज्ञान सप्ताह के पांचवे दिन गंगा सप्तमी के अवसर 3 मई को श्री गुरु सेवक निवास उछाली आश्रम से हर की पैडी तक गंगा जी के जन्मोत्सव की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। जबकि 06 मई को परम पूज्य गुरुदेव को तीर्थनगरी के अनेक वरिष्ठ संतजन भावभीनी श्रद्धांजलि। श्री महंत विष्णु दास ने कहा कि श्रीमद भागवत कथा श्रवण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कलयुग में मोक्ष का रास्ता इसी से मिलता है। श्रीमद्भागवत एक ऐसा ग्रंथ है जो भक्ति, ज्ञान और अध्यात्म का सार प्रदान करता है और यह मानव जीवन को एक नई दिशा दिखाता है। कलयुग में श्रीमदभागवत कथा से बढ़कर कोई अन्य पुराण नही है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा श्रवण जीवन में सकारात्मकता के बढ़ाने का कार्य करने के साथ साथ सत्मार्ग पर चलने को प्रेरित करती है। इस दौरान उन्होने श्रद्वालुओं से गंगा जी महिमा के बारे में बताते हुए गंगा स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। महंत बिष्णु दास ने कहा कि सनातन संस्कृति की नींव को मजबूत करने में योगदान दे। इस मौके श्री रामानंदीय श्री वैष्णव मंडल हरिद्वार के कई संतगण, महन्त प्रेम दास,सहित बड़ी संख्या में कई वरिष्ठ संत मौजूद रहे। मुख्य जजमान श्रीमती नीलम अनिल मलिक श्रीमती गीतका अंकुर मलिक श्रीमती अंकित सिद्धार्थ चतुर्वेदी अभी अयान आर्थिक आर्थिव श्रीमती चांद बृजमोहन सेठ गुड़गांव, पुनीत दास, राघवेंद्र दास, के अलावा अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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