हरिद्वार। कनखल स्थित बापेश्वर धाम के परमाध्यक्ष श्रीमहंत मधूसूदन गिरी महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में स्थित बद्रीनाथ,केदारनाथ और यमुनोत्री व गंगोत्री चारों धाम करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र हैं। चारों धाम की यात्रा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। यात्रा के फलस्वरूप ईश्वरीय कृपा के चलते परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है और जीवन भवसागर से पार हो जाता है। चारधाम यात्रा करने आए गुजरात के श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत मधूसूदन गिरी महाराज ने कहा कि तीर्थ यात्रा के दौरान तीर्थ की मर्यादा का पालन करें।कोई भी ऐसा कार्य ना करें,जो तीर्थ की गरिमा के विपरीत हो। इसलिए यात्रा करते समय शास्त्र सम्मत सभी नियमों का पालन करें। यात्रा पर जाने से पहले हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान कर मां गंगा का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त करें। मां गंगा के आशीर्वाद से यात्रा सकुशल और मंगलमय संपन्न होगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर्वतीय राज्य है।इसलिए यात्रा करते समय पर्यावरण का भी ध्यान रखें।यात्रा के दौरान पॉलीथीन आदि का प्रयोग बिल्कुल ना करें।कचरा आदि निर्धारित स्थान पर ही फेंके।इस अवसर पर स्वामी मुरारी दास,स्वामी मस्तराम,स्वामी कृष्णानंद गिरी,स्वामी शंभू पुरी,जयंती भाई द्विवेदी,अरूण,नेशा,रक्षा,वर्षा, भूमिका द्विवेदी आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। कनखल स्थित बापेश्वर धाम के परमाध्यक्ष श्रीमहंत मधूसूदन गिरी महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में स्थित बद्रीनाथ,केदारनाथ और यमुनोत्री व गंगोत्री चारों धाम करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र हैं। चारों धाम की यात्रा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। यात्रा के फलस्वरूप ईश्वरीय कृपा के चलते परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है और जीवन भवसागर से पार हो जाता है। चारधाम यात्रा करने आए गुजरात के श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत मधूसूदन गिरी महाराज ने कहा कि तीर्थ यात्रा के दौरान तीर्थ की मर्यादा का पालन करें।कोई भी ऐसा कार्य ना करें,जो तीर्थ की गरिमा के विपरीत हो। इसलिए यात्रा करते समय शास्त्र सम्मत सभी नियमों का पालन करें। यात्रा पर जाने से पहले हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान कर मां गंगा का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त करें। मां गंगा के आशीर्वाद से यात्रा सकुशल और मंगलमय संपन्न होगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर्वतीय राज्य है।इसलिए यात्रा करते समय पर्यावरण का भी ध्यान रखें।यात्रा के दौरान पॉलीथीन आदि का प्रयोग बिल्कुल ना करें।कचरा आदि निर्धारित स्थान पर ही फेंके।इस अवसर पर स्वामी मुरारी दास,स्वामी मस्तराम,स्वामी कृष्णानंद गिरी,स्वामी शंभू पुरी,जयंती भाई द्विवेदी,अरूण,नेशा,रक्षा,वर्षा, भूमिका द्विवेदी आदि मौजूद रहे।
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