हरिद्वार।जिला सहकारी बैंक लि०हरिद्वार की प्रशासकीय कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक मुख्य विकास अधिकारी/प्रशासक की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस बैठक में जनपद के कृषकों के लिए खाद,उर्वरक और बीज की आपूर्ति व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में जनपद की सभी बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों की उर्वरक क्रय सीमा की अवधि को 15 मई 2025 तक बढ़ाये जाने का निर्णय लिया गया।इसके साथ ही सभी समिति सचिवों/प्रबंध निदेशकों को 5मई 2025 तक उर्वरक ऋण सीमा के नवीनीकरण से संबंधित समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर ऋण पत्रावली बैंक को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। इस कदम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों को खाद-बीज की निर्बाध आपूर्ति की जा सके।बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 15 मई 2025 के बाद बिना ऋण सीमा स्वीकृति के किसी भी समिति की उर्वरक ऋण सीमा की अवधि नहीं बढ़ाई जाएगी।बैठक में बैंक प्रशासक/मुख्य विकास अधिकारी यह भी निर्देशित किया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु जिला सहकारी बैंक लि0 हरिद्वार को दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के अंतर्गत ब्याज मुक्त अल्पकालीन कृषि ऋण,मध्यकालीन ऋण और स्वयं सहायता समूह ऋण के लक्ष्यों की 100 प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित की जाए,ताकि जनपद के अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।इसके अतिरिक्त,सभी शाखाओं को निक्षेप संचय एवं ऋण वितरण के लक्ष्यों की पूर्ति के निर्देश दिए गए। जिन शाखाओं में निक्षेप में कमी आयी है, उन्हें चेतावनी पत्र जारी करने के निर्देश भी दिए गए हैं। साथ ही,शाखाओं को विविधीकरण योजना के अंतर्गत लक्ष्यों की पूर्ति करने के लिए भी निर्देशित किया गया।बैठक में बैंक सचिव/महाप्रबन्धक द्वारा की वर्तमान स्थिति प्रशासकीय कमेटी के समक्ष प्रस्तुत की गई।
हरिद्वार।जिला सहकारी बैंक लि०हरिद्वार की प्रशासकीय कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक मुख्य विकास अधिकारी/प्रशासक की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस बैठक में जनपद के कृषकों के लिए खाद,उर्वरक और बीज की आपूर्ति व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में जनपद की सभी बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों की उर्वरक क्रय सीमा की अवधि को 15 मई 2025 तक बढ़ाये जाने का निर्णय लिया गया।इसके साथ ही सभी समिति सचिवों/प्रबंध निदेशकों को 5मई 2025 तक उर्वरक ऋण सीमा के नवीनीकरण से संबंधित समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर ऋण पत्रावली बैंक को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। इस कदम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों को खाद-बीज की निर्बाध आपूर्ति की जा सके।बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 15 मई 2025 के बाद बिना ऋण सीमा स्वीकृति के किसी भी समिति की उर्वरक ऋण सीमा की अवधि नहीं बढ़ाई जाएगी।बैठक में बैंक प्रशासक/मुख्य विकास अधिकारी यह भी निर्देशित किया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु जिला सहकारी बैंक लि0 हरिद्वार को दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के अंतर्गत ब्याज मुक्त अल्पकालीन कृषि ऋण,मध्यकालीन ऋण और स्वयं सहायता समूह ऋण के लक्ष्यों की 100 प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित की जाए,ताकि जनपद के अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।इसके अतिरिक्त,सभी शाखाओं को निक्षेप संचय एवं ऋण वितरण के लक्ष्यों की पूर्ति के निर्देश दिए गए। जिन शाखाओं में निक्षेप में कमी आयी है, उन्हें चेतावनी पत्र जारी करने के निर्देश भी दिए गए हैं। साथ ही,शाखाओं को विविधीकरण योजना के अंतर्गत लक्ष्यों की पूर्ति करने के लिए भी निर्देशित किया गया।बैठक में बैंक सचिव/महाप्रबन्धक द्वारा की वर्तमान स्थिति प्रशासकीय कमेटी के समक्ष प्रस्तुत की गई।
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