हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि सावन देवों के महादेव भगवान शिव को समर्पित है। सावन में की गयी आराधना से प्रसन्न होकर महादेव शिव भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। चरण पादुका मंदिर में भक्तों को शिव महिमा से अवगत कराते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि हरिद्वार भगवान शिव की नगरी है। हरिद्वार में कई पौराणिक शिव मंदिर हैं। जिनमें जलाभिषेक और पूजा आराधना करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। श्रवणनाथ मठ में भगवान पशुपतिनाथ का पांच सौ वर्ष प्राचीन मंदिर स्थित है। जिसका निर्माण नेपाल के राजा ने कराया था। इस मंदिर की विशेषता है कि जो श्रद्धालु भक्त सच्चे मन और पूर्ण विधि विधान से पूजा अर्चना और भगवान शिव का जलाभिषेक करता है। भगवान पशुपतिनाथ की कृपा से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने बताया कि यह भारत का पहला सिद्ध मंदिर है।इस मंदिर से जुड़ी एक और मान्यता है कि जो भक्त इस मंदिर में पूजा अर्चना करता है।उसे नेपाल में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन अवश्य करने पड़ते हैं।इस अवसर पर श्रीमहंत रामरतन गिरी,महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, महंत दिनेश गिरी,महंत राजगिरी,स्वामी सहजानंद पुरी मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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