हरिद्वार। देवनगरी हरिद्वार के ज्वालापुर रोड स्थित प्रेमनगर आश्रम में 09 एवं 10जुलाई को नीलकंठ महादेव गुरु पूर्णिमा महोत्सव की तैयारी पूरी कर ली गई है।आश्रम का गोवर्द्धन हॉल और उन्नत इलाका गुरु-शिष्य के इस मिलन-महोत्सव के लिए तैयार हो चुका है,जहां लगातार दो दिन तक गुरु-शिष्य के प्रेम की गंगा बहेगी। अंतर्राष्ट्रीय सिद्धाश्रम साधक परिवार एवं आध्यात्मिक पत्रिका निखिल मंत्र विज्ञान,जोधपुर के तत्वावधान में पूज्य सद्गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद (डॉ.नारायण दत्त श्रीमाली) एवं माता भगवती की दिव्य छत्रछाया तथा पूज्य गुरुदेव श्री नन्द किशोर श्रीमाली के सानिध्य में आयोजित इस महोत्सव में देश-विदेश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में निखिल साधकों और श्रद्धालुओं का आगमन हो चुका है।मीडिया प्रभारी विजय कुमार झा के अनुसार,गुरु पूर्णिमा भारतीय संस्कृति का अत्यंत पवित्र पर्व है,जो गुरु-शिष्य परंपरा की जीवंत स्मृति और उत्सव है। यह दिन उस दिव्य संबंध को सम्मानित करने का अवसर है,जिसमें गुरु अपने शिष्य को अज्ञान के अंधकार से निकालकर आत्मज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं। इसी परंपरा को जीवंत बनाते हुए,महोत्सव के दौरान परमपूज्य गुरुदेव नन्द किशोर श्रीमाली जी शिष्यों को गुरु दीक्षा के साथ-साथ नीलकंठ महादेव महादीक्षा प्रदान करेंगे। इस विशेष अवसर पर आत्म-शक्ति और आत्म-जागरण की दिव्य गंगा प्रवाहित होगी।निखिल मंत्र विज्ञान के संयोजक मनोज भारद्वाज,अशोक खुराना, शैलेन्द्र शैली,संजय डोगरा,मनु शर्मा सहित निखिल मंत्र विज्ञान के सैकड़ों कार्यकर्ता इस महोत्सव की ऐतिहासिक सफलता की तैयारी में लगे हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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