परम रामभक्त थे गोस्वामी तुलसी दास-स्वामी हरिचेतनानंद
हरिद्वार। श्रीरामानंदीय श्रीवैष्णव मंडल के संयोजन में तुलसी जयंती हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी। इस अवसर पर संत समाज ने बैण्ड बाजों के साथ श्रवणनाथनगर स्थित श्रीरामानंद आश्रम से तुलसी चौक तक शोभायात्रा निकाली और तुलसी चौक स्थित गोस्वामी तुलसीदास के विग्रह की पूजा अर्चना की।शोभायात्रा के उपरांत आश्रम में संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें संत महापुरूषों ने श्रद्धालुओं को गोस्वामी तुलसीदास के कृतित्व से अवगत कराया।महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने कहा कि समाज को रामचरित्र मानव जैसा अद्भूत ग्रंथ भेंट करने वाले गोस्वामी तुलसीदास परम रामभक्त थे।उन्होंने कहा कि रामचरित्र मानस का अध्ययन और पाठन करने से समाज को भक्ति की प्रेरणा मिलती है।श्रीमहंत विष्णुदास एवं महंत प्रेमदास महाराज ने कहा कि तुलसीदास महान ज्ञान कवि और भगवान राम के अनन्य भक्त थे।रामचरित्र मानस सहित उनकी सभी रचनाएं समाज को प्रेरणा देती है।महंत नवलकिशोर दास व बाबा हठयोगी ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने प्रभु श्रीराम की भक्ति का वर्णन करते हुए धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।महंत रामलखन दास महाराज ने फूलमाला पहनाकर सभी संतों को स्वागत किया और आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद,महंत विष्णुदास,महंत बाबा हठयोगी,महंत रघुवीर दास,महंत नवलकिशोर दास,महंत दुर्गादास,स्वामी रविदेव शास्त्री,स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि,महंत प्रेमदास,महंत प्रमोद दास,महंत बिहारी शरण,महंत राम स्नेही,महंत प्रह्लाद दास,महंत दयाराम दास,महंत जयराम दास,महंत रामलखन दास,स्वामी दिनेश दास सहित कई संत महंत मौजूद रहे।
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