हरिद्वार। राज्य निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाला उत्तराखंड क्रांति दल एक बार फिर सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहा है।रविवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री और राज्य आंदोलन में फील्ड मार्शल की उपाधि पाने वाले दिवाकर भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने के लिए यूकेडी ने आंदोलन किया। अनेक कुर्बानियों के बाद उत्तराखंड राज्य वजूद में आया। अब राज्य बचाने को लेकर आंदोलन करना पड़ेगा। तरूण हिमायल में कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए दिवाकर भट्ट ने कहा कि अलग राज्य को लेकर लोगों की जो आकांक्षाएं थी वह पूरी नहीं हो पायी हैं।भट्ट ने कहा कि पहले राज्य के लोगों को जागरूक किया जाएगा और उसके बाद आंदोलन की तैयारी की जाएगी।दिवाकर भट्ट ने कहा कि आंदोलन में भूख हड़ताल,हड़ताल या फिर किस तरह की रूपरेखा अपनायी जाएगी यह पार्टी तय करेंगी।दिवाकर भट्ट ने कहा कि राज्य से पलायन की स्थिति चिंताजनक है। सैकड़ांे गांवों को शहरी क्षेत्र में लाना पड़ा है। रोजगार के साधन नहीं होने से पढ़ा लिखा युवा राज्य से पलायन कर रहा है,यह बहुत गंभीर मुद्दा है।जल जंगल जमीन बचाने के लिए संघर्ष करना होगा।उन्होंने कहा कि राज्य में अनेक उत्पाद होने के बाद भी सही तरीके से प्रदेश के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाया।बिजली पानी से ही राज्य की प्रगति बढ़ायी जा सकती है।लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी बेहद खराब है।गरीब ग्रामीण जनता को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल रहा है, स्कूल बंद हो रहे हैं।ऊर्जा प्रदेश होने के बाद भी बिजली महंगी है।स्मार्ट मीटर के नाम पर जनता का शोषण किया जा रहा है।सरकारों पर राज्य के विकास के प्रति उदासीनता बरतने का आरोप लगाते हुए श्री भट्ट ने कहा कि 25वर्ष बाद भी पलायन नहीं रोका जा सका है। क्या ऐसे राज्य की कल्पना आंदोलनकारियों ने की थी।इस अवसर पर रविन्द्र वशिष्ठ,मोहन सिंह असवाल,ललित बिष्ट,सुरेन्द्र भंडारी,करन सिंह बर्त्वाल,कुंवर सिंह राणा,जयप्रकाश उपाध्याय ,देवचंद उत्तराखण्डी,विजेन्द्र सिंह रावत,बिहारीलाल जगोढ़ी,जसवंत सिंह बिष्ट,गोकुल सिंह रावत ,रवि जैन,किरण कश्यप आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। राज्य निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाला उत्तराखंड क्रांति दल एक बार फिर सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहा है।रविवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री और राज्य आंदोलन में फील्ड मार्शल की उपाधि पाने वाले दिवाकर भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने के लिए यूकेडी ने आंदोलन किया। अनेक कुर्बानियों के बाद उत्तराखंड राज्य वजूद में आया। अब राज्य बचाने को लेकर आंदोलन करना पड़ेगा। तरूण हिमायल में कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए दिवाकर भट्ट ने कहा कि अलग राज्य को लेकर लोगों की जो आकांक्षाएं थी वह पूरी नहीं हो पायी हैं।भट्ट ने कहा कि पहले राज्य के लोगों को जागरूक किया जाएगा और उसके बाद आंदोलन की तैयारी की जाएगी।दिवाकर भट्ट ने कहा कि आंदोलन में भूख हड़ताल,हड़ताल या फिर किस तरह की रूपरेखा अपनायी जाएगी यह पार्टी तय करेंगी।दिवाकर भट्ट ने कहा कि राज्य से पलायन की स्थिति चिंताजनक है। सैकड़ांे गांवों को शहरी क्षेत्र में लाना पड़ा है। रोजगार के साधन नहीं होने से पढ़ा लिखा युवा राज्य से पलायन कर रहा है,यह बहुत गंभीर मुद्दा है।जल जंगल जमीन बचाने के लिए संघर्ष करना होगा।उन्होंने कहा कि राज्य में अनेक उत्पाद होने के बाद भी सही तरीके से प्रदेश के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाया।बिजली पानी से ही राज्य की प्रगति बढ़ायी जा सकती है।लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी बेहद खराब है।गरीब ग्रामीण जनता को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल रहा है, स्कूल बंद हो रहे हैं।ऊर्जा प्रदेश होने के बाद भी बिजली महंगी है।स्मार्ट मीटर के नाम पर जनता का शोषण किया जा रहा है।सरकारों पर राज्य के विकास के प्रति उदासीनता बरतने का आरोप लगाते हुए श्री भट्ट ने कहा कि 25वर्ष बाद भी पलायन नहीं रोका जा सका है। क्या ऐसे राज्य की कल्पना आंदोलनकारियों ने की थी।इस अवसर पर रविन्द्र वशिष्ठ,मोहन सिंह असवाल,ललित बिष्ट,सुरेन्द्र भंडारी,करन सिंह बर्त्वाल,कुंवर सिंह राणा,जयप्रकाश उपाध्याय ,देवचंद उत्तराखण्डी,विजेन्द्र सिंह रावत,बिहारीलाल जगोढ़ी,जसवंत सिंह बिष्ट,गोकुल सिंह रावत ,रवि जैन,किरण कश्यप आदि मौजूद रहे।
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