हरिद्वार। कनखल स्थित श्रीदरिद्र भंजन महादेव मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ किया गया। भक्तों के श्रीमद्भागवत कथा के महात्म्य से अवगत कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि जो भक्त श्रद्धा एवं भक्ति के साथ श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन एवं श्रवण करते हैं।भागवत कृपा से उन्हें धन धान्य के साथ भक्ति ज्ञान एवं वैराग्य की प्राप्ति होती है।समस्त पित्रों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्री ने बताया कि श्रीमद्भागवत महात्म्य में कथा आती है कि धुंधकारी ने जीते जी कोई सत्कर्म नहीं किया और मरने के बाद प्रेत योनि में चला गया।धुंधकारी के भाई गोकर्ण ने उसकी मुक्ति के लिए श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन कराया।कथा के प्रभाव से धुंधकारी प्रेत योनि से मुक्त हो गया और उसे बैकुंठ लोक में स्थान प्राप्त हुआ।मुख्य पुजारी पंडित कृष्ण कुमार शास्त्री ने बताया कि प्रत्येक वर्ष श्रावण माह में भक्तों के सहयोग से सर्वजन कल्याण के लिए कथा का आयोजन किया जाता है।इस अवसर पर मुख्य यजमान रिचा शर्मा,किरन शर्मा, पंडित राजेंद्र शर्मा,पंडित रमेश गोनायल,पंडित नीरज कोठारी,कुलदीप कृष्ण चौहान,तुषार, जगदीश,पंडित कैलाशचंद्र,मारुति आदि ने भागवत पूजन किया।
हरिद्वार। कनखल स्थित श्रीदरिद्र भंजन महादेव मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ किया गया। भक्तों के श्रीमद्भागवत कथा के महात्म्य से अवगत कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि जो भक्त श्रद्धा एवं भक्ति के साथ श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन एवं श्रवण करते हैं।भागवत कृपा से उन्हें धन धान्य के साथ भक्ति ज्ञान एवं वैराग्य की प्राप्ति होती है।समस्त पित्रों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्री ने बताया कि श्रीमद्भागवत महात्म्य में कथा आती है कि धुंधकारी ने जीते जी कोई सत्कर्म नहीं किया और मरने के बाद प्रेत योनि में चला गया।धुंधकारी के भाई गोकर्ण ने उसकी मुक्ति के लिए श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन कराया।कथा के प्रभाव से धुंधकारी प्रेत योनि से मुक्त हो गया और उसे बैकुंठ लोक में स्थान प्राप्त हुआ।मुख्य पुजारी पंडित कृष्ण कुमार शास्त्री ने बताया कि प्रत्येक वर्ष श्रावण माह में भक्तों के सहयोग से सर्वजन कल्याण के लिए कथा का आयोजन किया जाता है।इस अवसर पर मुख्य यजमान रिचा शर्मा,किरन शर्मा, पंडित राजेंद्र शर्मा,पंडित रमेश गोनायल,पंडित नीरज कोठारी,कुलदीप कृष्ण चौहान,तुषार, जगदीश,पंडित कैलाशचंद्र,मारुति आदि ने भागवत पूजन किया।
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