हरिद्वार। नगर मजिस्ट्रेट हरिद्वार कुश्म चौहान ने अवगत कराया कि उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य अवर अधीनस्थ सेवा मुख्य परीक्षा दिनांक 13सितंबर 2025(शनिवार) को प्रातः 9ः00 बजे से मध्याह्न 11ः00 बजे तक तथा अपरान्ह 2ः00 बजे से अपरान्ह 04रू00 बजे तक एवं 14 सितंबर 2025(रविवार) को प्रातः 900 बजे से मध्याह्न 11ः00 बजे तक तथा अपरान्ह 2रू00 बजे से अपरान्ह 04रू00 बजे तक एकल परीक्षा केंद्र परीक्षा भवन, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग हरिद्वार में आयोजित किया जाना है। उक्त केंद्र में परीक्षा को नकल विहीन,पारदर्शिता, सुव्यवस्थित,निर्विघ्न एवं शांति पूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने तथा कानून व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से परीक्षा केन्द्रों के आस-पास 200मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा 163 लागू की जाती है। कुश्म चौहान नगर मजिस्ट्रेट हरिद्वार ने अवगत कराया कि परीक्षा को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा-163 (पूर्व धारा 144 द.प्र.संहिताकृ1973) के प्राविधानों के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुये निषेधाज्ञा पारित की जाती है।उन्होंने हरिद्वार नगर क्षेत्र के परीक्षा केन्द्रों के आस-पास की 200 मीटर की सीमा के अन्तर्गत जिला मजिस्ट्रेट हरिद्वार अथवा अपर जिला मजिस्ट्रेट हरिद्वार अथवा उनके पूर्वानुमति के बिना पांच या पांच से अधिक व्यक्ति समूह के रूप में एकत्रित नहीं होंगे और न ही कोई सार्वजनिक सभा करेंगे और न ही जुलूस आदि निकालेंगे। परीक्षा केन्द्रों से 200मीटर की परिधि में शान्ति व्यवस्था में नियुक्त अधिकारी एवं कर्मचारी पुलिस बल के अतिरिक्त अन्य कोई व्यक्ति प्रवेश नहीं करेगा। आदेशों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अन्तर्गत दण्डनीय होगा।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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